Vol. 5, Issue 2 (2020)
स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद का भारत में ऐतिहासिक महत्त्व है। बिहार में 19वीं शताब्दी के आरंभिक चरण में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद का उद्भव तथा विकास हुआ। बिहार में औपनिवेशिक शासकों ने स्वावलंबी ग्राम व्यवस्था को नष्ट कर बिहार में एक सामाजिक क्रांति के लिए भौतिक स्थितियों का सृजन किया था। उनके आधार पर सामाजिक क्रांति के दायित्व को पूरा करने का कर्तव्य क्रमिक गति से होने लगी। इस सामाजिक क्रांति के लिए कम से कम दो ऐसे भौतिक कारण मौजूद हो गए थे जो इस क्रांति को आगे ले जाने में महती भूमिका का निर्वहन करने वाले थे।