भारतीय समाज के सन्दर्भ में आधुनिकीकरण की आवधारणा विशेष महत्व की है। इसका कारण यह है कि सदियों से भारतीय समाज को एक परम्परावादी समाज के रुप में देखा जाता रहा है। 20वीं सदी के आरम्भ से भारतीय जीवन शैली तथा सामाजिक संस्थाओं में जब पश्चिमी समाज की विशेषताओं का समावेश होना आरम्भ हुआ, तब यहाँ आधुनिकीकरण की प्र्रक्रिया तेजी से बढ़ी। दरअसल परम्परागत समाजों में होने वाले परिवर्तनों या औद्योगिकीकरण के कारण समाजों में आए परिवर्तनों को समझने तथा दोनों मंे भिन्नता प्रकट करने के लिए विद्वानों नेें आधुनिकीकरण की अवधारणा को जन्म दिया। एक ओर उन्होंने परम्परागत समाज को रखा और दूसरी ओर आधुनिक समाज को। इस प्रकार उन्होंने परम्परा बनाम आधुनिकता को आधार बनाया। इसके साथ ही जब पाश्चात्य विद्वान उपनिवेशों एवं विकाशाील देशों में होनें वाले परिवर्तनों की चर्चा करते है तो वे आधुनिकीकरण की अवधारणा का सहारा लेते है।
डाॅ. पूनम मदान, कल्पना गुप्ता. अघ्ययनरत छात्रों का आधुनिकीकरण के प्रति अध्ययन. International Journal of Advanced Education and Research, Volume 6, Issue 2, 2021, Pages 24-25